बादाम का हलवा | BADAM KA HALWA
बादाम हलवा बहुत स्वादिष्ट होता है, बादाम में प्रोटीन ,कैल्शियम, पोटेशियम और मैगनीशियम होता है, इसमें विटामिन E प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, यदि 5-6 बादाम रोज खाये जाय तो वे एक टोनिक का काम करते है। बादाम का हलवा (Badam ka Halwa) जच्चा को बनाकर खिलाया जाता है, ये बहुत ताकत और ताजगी देने वाला होता है। तो आइये बनाना शुरु करें बादाम हलवा।
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Badam Ka Halwa |
त्वचा के लिए: बादाम विटामिन ई में समृद्ध होते हैं, जो दैनिक रूप से लागू होने पर त्वचा को पोषण और नरम करते हैं। बादाम का तेल और बादाम का दूध त्वचा को सूरज के संपर्क में आने से होने वाले नुकसान से बचाता है। अपने आहार में नियमित रूप से बादाम को शामिल करने से न केवल आपको मुंहासे रहित और फुंसी मुक्त त्वचा मिलेगी बल्कि यह एंटी-एजिंग एजेंट के रूप में भी काम करेगा।
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Badam | Almond |
बालों के लिए: बादाम मैग्नीशियम और पोषक तत्वों में समृद्ध हैं, और ओमेगा फैटी एसिड 3 और 6 में भी। यह स्वस्थ रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है जो बालों के विकास को बढ़ावा देता है। इससे बाल मजबूत, चमकदार और छूने में मुलायम होते हैं। नियमित रूप से बादाम के तेल से मालिश करने से बाल सिल्की और नॉन-फ्रिज़ी हो जाते हैं, जिससे बालों का ग्रे होना कम हो जाता है। बादाम बालों के रोम को पर्याप्त पोषण प्रदान करता है जिससे बाल स्ट्रैंड मजबूत होते हैं। इससे बालों का गिरना भी कम हो जाता है।
दिमाग के लिए: विटामिन ई के स्वस्थ स्तर होने के कारण बादाम को ‘ब्रेन फूड‘ कहा जाता है। उन्हें संज्ञानात्मक गिरावट को रोकने, सतर्कता को बढ़ावा देने और लंबी अवधि के लिए स्मृति को संरक्षित करने के लिए दिखाया गया है। बादाम, जब दैनिक रूप से सेवन किया जाता है, तो शरीर के लिए भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करता है।
किशमिश खाने के फायदे:
मसूड़े की सेहत: किशमिश गुहाओं को उलटने और दांतों की सड़न को ठीक करने में मदद करती है। अनुसंधान से पता चला है कि यह मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए फायदेमंद है क्योंकि फल में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो गुहाओं पर अंकुश लगाते हैं और दांतों की सड़न को भी ठीक करते हैं। इसमें रोगाणुरोधी फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो मसूड़ों की बीमारी और दंत गुहाओं से संबंधित मौखिक बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। किशमिश में ओलीनोलिक एसिड (OLEANOLIC ACID) होता है जो मौखिक बैक्टीरिया की दो प्रजातियों के विकास को रोकता है: स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स और पॉर्फिरोमोनस जिंजिवलिस।
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Kishmish |
किशमिश | पाचन स्वास्थ्य: किशमिश को फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ माना जाता है जो बाथरूम की स्थिति जैसे दस्त और कब्ज को रोकने के लिए पाचन सहायता की तरह काम करता है। यह घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर प्रदान करता है जो कब्ज की संभावना को कम करके और ढीले मल को हतोत्साहित करके आंत्र पथ के माध्यम से स्वस्थ आंदोलन का आश्वासन देता है। सूखे किसमिस में अधिक कैलोरी और फाइबर होता है। |
रक्तचाप को कम करता है: किशमिश का दैनिक सेवन रक्तचाप को काफी कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, किशमिश में पोटेशियम होता है जो हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखता है। पोटेशियम मानव शरीर में ऊतकों, कोशिकाओं और अंगों के समुचित कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है। पोटेशियम से समृद्ध आहार वाले लोगों में स्ट्रोक की संभावना कम होती है विशेष रूप से इस्केमिक स्ट्रोक।
मधुमेह प्रबंधन: अध्ययन से पता चलता है कि किशमिश का दैनिक सेवन भोजन के बाद ग्लूकोज के स्तर को 23 प्रतिशत तक कम करता है। उपवास ग्लूकोज और सिस्टोलिक रक्तचाप में भी 19 प्रतिशत की कमी थी। अनुसंधान से पता चलता है कि किशमिश टाइपI मधुमेह के रोगियों के लिए सहायक है। फाइबर की उपस्थिति भी किशमिश में पाए जाने वाले प्राकृतिक शर्करा को संसाधित करने के लिए शरीर की सहायता करती है जो स्वाभाविक रूप से मधुमेह का प्रबंधन करने के लिए इंसुलिन स्पाइक्स को रोकता है।
कैंसर से बचाव: अध्ययन से पता चला है कि सूखे मेवे जैसे किशमिश, प्रून और खजूर में उच्च फेनोलिक घटक होते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट शरीर में सेलुलर क्षति से मुक्त कणों को रोकने में मदद करते हैं। मुक्त कण कैंसर कोशिकाओं के सहज विकास और कैंसर के विकास के लिए जिम्मेदार हैं, इसलिए एंटीऑक्सिडेंट समृद्ध खाद्य पदार्थ जैसे किशमिश को प्राकृतिक कैंसर उपचार माना जाता है। एंटीऑक्सीडेंट के स्तर में वृद्धि के अलावा, किशमिश के अलावा आहार भी सेलुलर क्षति को कम करता है और कैंसर को दूर करता है।
बादाम हलवा बनाने कि सामग्री:- (Ingredients for Badam Halwa)
- बादाम – 200ग्राम (एक कप)
- दूध – एक कप
- चीनी – 200ग्राम (एक कप)
- घी – 100 – 125 ग्राम (आधा कप से थोड़ा अधिक)
- केसर – 25-30टुकड़े
- इलाइची – 6-7(छील कर कूट लीजिये)
बादाम हलवा बनाने कि विधि:- (How to make Badam ka Halwa)
- बादाम को पीने के पानी में 5-6 घंटे के लिये भिगो दीजिये, अगर आप जल्दी हलवा बनाना चाहते है तब पानी को गरम कीजिये और गरम पानी में बादाम को डाल कर रखिये, ये 2-3 घंटे में ही फूल जाते हैं।
- भीगे हुये बादाम के छिलके उतार लीजिये। छिले बादाम को पर्याप्त दूध डाल कर मिक्सी में थोड़ा सा दरदरा पीस लीजिये (एक दम बारीक मत कीजिये)।
- भारे तले की कढ़ाई या नानस्टिक कढ़ाई लीजिये। बादाम का हलवा बनाने के लिये नानस्टिक कढाई अधिक सुविधाजनक होती है।
- नानस्टिक कढ़ाई में एक टेबल स्पून घी डाल कर गरम कीजिये, गरम घी में बादाम का पेस्ट और चीनी डालिये, मिश्रण को कलछी से लगातार चलाते हुये भूनिये।
- बचे हुये दूध को गरम करके उसमें केसर डाल कर घोलिये और ये केसर दूध हलवा में मिला कर भूनते रहिये, एक टेबल स्पून घी भी डालिये, अगर आप हलवा में कलर डालना चाहें तो एक पिंच कलर भी इसी समय मिला दीजिये और हलवा को गाड़ा होने तक भूनते रहिये।
- आप देखेगे कि बादाम हलवा से बहुत ही अच्छी सुगन्ध आने लगी है, वह कढ़ाई के किनारों से भी नहीं चिपक रहा है। बचा हुआ घी भी हलवा में डाल कर मिला दीजिये। बादाम हलवा बन चुका है, आग बन्द कर दीजिये और हलवे में इचाइची डाल कर अच्छी तरह मिला दीजिये।
- स्वादिष्ट बादाम हलवा तैयार है, बादाम हलवा को प्याले में निकालिये। गरमा गरमा बादाम हलवा परोसिये और खाइये, ये बादाम हलवा तो ठंडा भी बड़ा स्वादिष्ट लगता है।